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Basant Panchami 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष भोग

Basant Panchami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन घरों, मंदिरों और शिक्षा से जुड़े संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती के जन्मदिन तथा रति व कामदेव के पृथ्वी पर आगमन के रूप में बसंत पंचमी मनाई जाती है।

Basant Panchami 2025
Basant Panchami 2025 (बसंत पंचमी 2025)

Basant Panchami 2025 (बसंत पंचमी 2025):

बसंत पंचमी माघ माह में सकट चौथ, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या, गुप्त नवरात्रि और वसंत पंचमी जैसे कई पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। इनमें वसंत पंचमी का पर्व खासतौर पर ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए समर्पित है। हिंदू धर्म में सरस्वती जी को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है।

Basant Panchami 2025 Dates (बसंत पंचमी 2025 Dates) :

पंचांग (ज्योतिष शास्त्रियों) के अनुसार, 2025 में वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर हो रही है, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे उदया तिथि के हिसाब से बंसत पंचमी का पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा।

Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat (बसंत पंचमी 2025 शुभ मुहूर्त)

पंचांग (ज्योतिष शास्त्रियों) के अनुसार, 2025 में वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर हो रही है, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे उदया तिथि के हिसाब से बंसत पंचमी का पर्व 3 फरवरी को मनाया जाएगा।

पूजा विधि -

1. तैयारी :

  • स्नान: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
  • वस्त्र: पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें, जो इस दिन के लिए शुभ माने जाते हैं।

2. पूजा स्थल की तैयारी :

  • चौकी: एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।
  • प्रतिमा या चित्र: मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर रखें। इसके साथ ही भगवान गणेश की मूर्ति भी रखें।

3. कलश स्थापना :

  • सबसे पहले एक कलश में जल भरकर उसमें आम के पांच पत्ते डालें और ऊपर नारियल रखें। इसे पूजा स्थल पर रखें।

4. पूजन सामग्री :

  • अर्पण: मां सरस्वती को पीले और सफेद फूल, बेसन के लड्डू, केले, मिठाई आदि का भोग अर्पित करें।
  • धूप-दीप: धूप और दीप जलाएं ताकि वातावरण पवित्र हो।

5. पूजा विधि :

  • गणेश पूजन: सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें। इसके बाद मां सरस्वती का ध्यान करते हुए उन्हें श्रद्धा पूर्वक फूल अर्पित करें।
  • मंत्र जाप: चंदन लगाते समय यह  मंत्र बोलें:

         “ चंदनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम्,
           आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा।

फिर मां सरस्वती के लिए बीज मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का जाप करें। इसे 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है।

6. आरती और प्रसाद :

पूजा के अंत में मां सरस्वती की आरती करें और सभी भक्तों को प्रसाद बांटें।

7. विशेष ध्यान :

इस दिन विद्या आरंभ (बच्चों का पहले अक्षर ज्ञान) करना भी बहुत शुभ होता है।

इस प्रकार, बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह दिन न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि शिक्षा और कला के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है।

Basant Panchami 2025 Bhog (विशेष भोग):

बसंत पंचमी के दिन पूजा के बाद मां सरस्वती को निम्नलिखित भोग लगाए जाते हैं:

बेसन के लड्डू: यह भोग मां सरस्वती को अति प्रिय है। इसे चढ़ाने से सुख-समृद्धि और वाणी में मधुरता आती है। और आपके घर में सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है। और मां सरस्वती के साथ ही देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद मिलता है |

पीले मीठे चावल: पीले मीठे चावल जिन्हें केसर भात भी कहा जाता है। यह भोग चढ़ाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। पीले चावल को घी, चीनी, केसर और पंचमेवा मिलाकर तैयार किया जाता है और उनका भोग मां सरस्‍वती को लगाकर कम से कम 5 कन्‍याओं को खिलाएं।

केसर हलवा: यह भोग मां सरस्वती को बहुत पसंद है। इसे अर्पित करने से जातक हर प्रकार के कष्ट से मुक्त होता है।

राजभोग: पीले रंग का राजभोग अर्पित करने से शिक्षा और कला के क्षेत्र में सफलता मिलती है, साथ ही सौभाग्य में वृद्धि होती है।

मालपुआ: अगर आपके बच्चों के करियर में अड़चनें आ रही हैं तो उन्हें दूर करने के लिए उसके हाथ से मां सरस्‍वती को मालपुए का भोग लगवाकर उसे जरूरतमंद लोगों के बीच में बांट देना चाहिए।

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