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खजराना गणेश मंदिर: आस्था और चमत्कार का प्रतीक 

Khajrana Ganesh Mandir: खजराना गणेश मंदिर इंदौर के मध्य में एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा और भक्तों की अटूट श्रद्धा के लिए जाना जाता है। दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

Khajrana ganesh mandir
खजराना गणेश

खजराना गणेश मंदिर का इतिहास:

खजराना गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्या बाई होलकर द्वारा कराया गया था। कहा जाता है कि मुगल शासनकाल के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को नष्ट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन भक्तों ने इसे बचाकर जमीन में छुपा दिया। यह मूर्ति रानी अहिल्याबाई के पति मल्हार राव होलकर द्वारा इंदौर के जंगलों में खोजी गई थी, बाद में अहिल्या बाई होलकर ने इस मूर्ति को पुनः स्थापित कर मंदिर का निर्माण करवाया।

मंदिर की विशेषताएं:

भव्य गणेश प्रतिमा:

इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति अत्यंत दिव्य और चमत्कारी मानी जाती है। 1735 में यह मूर्ति ढाई फीट लंबी और सवा दो फीट चौड़ी थी। इसके साथ में रिद्धी और सिद्धी की प्रतिमा भी थी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान के साथ रखी रिद्धि और सिद्धि की मूल मूर्तियां भी भगवान की मूर्ति में विलीन हो गई हैं। मंदिर के पुजारी के मुताबिक मूर्ति हर साल करीब एक सेंटीमीटर बढ़ती है। पिछले 284 सालों में इसका आकार दोगुना हो गया है। मंदिर परिसर में एक प्राचीन पीपल का पेड़ है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह मनोकामना पूरी करता है।

विशाल परिसर:

Khajrana ganesh mandir
खजराना गणेश मंदिर

मंदिर का परिसर बहुत बड़ा और सुंदर है,खजराना गणेश मंदिर परिसर में 33 छोटे-बड़े मंदिर बने हुए हैं जहां श्रद्धालु शांति और भक्तिभाव का अनुभव कर सकते हें। यहां भगवान राम, शिव, मां दुर्गा, साईं बाबा, हनुमान जी सहित अनेक देवी-देवताओं के मंदिर हैं.

मनोकामना पूर्ति:

भक्तगण यहां आकर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए विशेष पूजा और अर्चना करते हैं। खजराना गणेश मंदिर का इतिहास बहुत भव्य है, यहां भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। भक्त अपनी मनोकामना मांगते समय भगवान श्रीगणेश की मूर्ति की पीठ पर उल्टा स्वस्तिक बनाते हैं और मनोकामना पूरी होने पर सीधा स्वस्तिक बनाते हैं और बप्पा को लड्डू और मोदक का भोग लगाते हैं।

खजराना गणेश मंदिर का धार्मिक महत्व:

यह मंदिर इंदौर ही नहीं, पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। भक्तों का मानना है कि यहां दी गई प्रार्थनाएं और मन्त्रें पूरी तरह से लागू होती हैं। विशेष रूप से रविवार और गणेश चतुर्थी के दिन यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं

कैसे पहुंचे:

पता: खजराना गणेश मंदिर, खजराना, इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत |

निकटतम रेलवे स्टेशन: इंदौर जंक्शन रेलवे स्टेशन द्वारा देश के अन्य स्थानों से अच्छी तरह से यात्रा की जाती है। रेलवे स्टेशन से खजराना गणेश मंदिर की दूरी 10.5 किमी है। 

निकटतम हवाई अड्डा: खजराना गणेश मंदिर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 13.4 किलोमीटर की दूरी पर है। आप हवाई अड्डे से  कैब (Taxi)  या स्थानीय बस (City Bus) द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।

स्थानीय परिवहन: ऑटो, टैक्सी और सिटी बसों के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

विशेष अवसर और उत्सव:

गणेश चतुर्थी: इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और बड़े स्तर पर पूजा-पाठ किया जाता है। यह खजराना गणेश मंदिर का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उत्सव है। इसे भव्य तरीके से मनाया जाता है, जिसमें 10 दिनों तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं.

तिल चतुर्थी: यह त्यौहार भी विशेष रूप से मनाया जाता है, जिसमें भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन मंदिर में मेला और विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

होली: खजराना गणेश मंदिर में होली महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर समर्थकों के बीच रंगों का खेल और भव्य आरती का आयोजन होता है।

सप्ताहिक आरती: हर बुधवार को विशेष आरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। 

खजराना गणेश मंदिर भक्तों की आस्था और भक्ति का केंद्र है. यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। अगर आप घूमने जा रहे हैं, तो इस पवित्र स्थल के दर्शन करने अवस्य जाए |

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